Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Abhinav chaturvedi 23536 0 Hindi :: हिंदी
इन बेबाकियों मे भी बस तुम्हारी ही यादें हैं। गज़लें हैं , हां मगर मोहब्बत के कायदे हैं। समझ कर मानता हूं सब, की कुछ मजबूरी होगी। थोड़ी जज़्बात की आंधी पर घर की जिम्मेदारी होगी। थोड़ी गैर जरूरी और कुछ बातें ज़रूरी होंगी। भला ऐसी भी क्या शिकायत हो गयी मुझसे। अफ़साने और फसाने का नाता दूर हुआ मुझसे। घिरा है अंधेरा ऐसा, सब बिखरा सा लगता है। दुनिया से जुड़ा हूँ मगर अकेला सा लगता है। खुद में महफ़िल हूँ ये लोग कह गुज़रते हैं अक्सर। मगर ये मुझे ही मालूम है बुरा बेरा सा लगता है। ये गज़लें, गीत, कविताएं बोलो ठीक बैठी हैं न। जितनी तुम रही खुबशुरत उतनी सटीक कहीं हैं न। इश्क़ के दामन के बाद, दोस्ती का दावा था। बड़ा सुकून देने वाला वो उम्मीद का हवा था। उन हवाओं को बोलो फिर से लौट आएं। बंद उम्मीद की किरणों को खोल लाएं। जो कह रहा हूँ तुमसे, ये बात काश तुम्हे हवाएं बोल आएं। एकतरफा इश्क़ की अब नुमाईश तो देखो। एक दूजे के वास्ते से रुखसती, रुखाई तो देखो। शहर से होकर गुज़र गयी तुम, कब याद की हो? कहाँ बुलाई हो देखो। मेरा जिक्र, मेरा फिक्र, तुम्हारा करना। मन मे एक जान से ज्यादा प्यारा कहना। फिर आंखें बंद कर रहा हूँ, एक बार चलो उन हवाओं सा बहना। सुनो सच कह रहा हूँ। इनकार मत करना। जान! नज़रअंदाज़ मत करना। ये कविताएँ, गज़लें, गीत किसी काम की नही हैं। गर इनसे बीती तुम्हारी याद में हसीन शाम नही है।