Ritika Ravindra 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 75644 0 Hindi :: हिंदी
जब भारत नही था, तब भी था अपना भारत ! Melting pot की जैसे तीखे, मिठे, कडवे सबको अपने मे मिलता। सिखता सिखाता ढेर सारे को अपने में मिलता। संस्कृतियों की पिघलन हैं भारत, तुम प्रतिको को जितना चाहे पुजना हैं पुजलो। थेयटरो में खड़े होकर देश भक्ति के इम्तिहान भी ले लो, पर सच यही है कि हम भारतीयो के बीना एक लेबल है भारत। हम भारतीय है क्योंकि भारत है। भारत है क्योंकि हम भारतीय है।