AJAY KUMAR JOSHI 13 Feb 2025 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार, महोब्बत, इश्क, अध्यात्मिक 5882 0 Hindi :: हिंदी
देख रहां हु समझ रहां हु , हर इक इंसान झुटा हैं। झूट फरेब हर कोई करता सच का बस मुखोटा हैं।। झूट झट से पकड़ में आता मन मंदिर में कोई तोलें तो। झूट फरेब सब सत्ये माने कोई किसी का होले तो।। वो भी समझी में समझ गया उसके दो झूट बहाने से। लेकिन हुस्न का जा दू नहीं चला है अब दुरी बढ़ जाने से। कहदो अलविदा मुझ से अब ,में अपने में ही जी लूंगा । सत्ये की खोज में लगा हुआ हूं ,कडुवा सच भी पी लूंगा।। Ajay Always ---- सत्ये की खोज में