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झिमीर झिमिर पानी गिरत हे-चारो मुड़ा मा कहर मचत हे

Tikeswari 05 Oct 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 28895 0 Other :: Other

1. झीमिर झीमीर पानी गिरत हे 
चारो मुड़ा मा कहर मचत हे
2. चुमुक ले अंधयारी समागे।
दिया बरत हे जुग जुग ले .
3.बिहनिया ले चिरई मन के शोर ।
जंगल के रूख राई मन अड़बड़ हालत झुलत हे
4.सुघर माटी ह महकत हे 
घाम के दिन मा घलो  पानी गिरत हे
5.बेरा कुबेरा आगी जलत हे।
बरसात के दिन म घलो जड़ा समागे।
6. खेत खार के पानी ह छलके ।
 बिहंदोल के आस ह  मीट गिस।
7. खपरा छानी ह बहरगे ।
तर तर ओरछा के पानी ह उतरे।

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