Yogesh Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 83159 0 Hindi :: हिंदी
उलझी है ज़िन्दगी माना कभी सीखा कहा ढंग जीने का भारी बस्ता, टूटी कश्ती कहती थोड़ा धीरे जा कल की चिंता कम करो तुम भविष्य हमारा आज है, हो शुकराना अगली सांस का बाकी सब एक मिराज है हर आते-जाते मौके पे हम लोगों की क्यों फ़िक्र करे, आज जिए यु कुछ आँख मूंद कर की कल को दुनिया ज़िक्र करे