संदीप कुमार सिंह 08 May 2023 कविताएँ धार्मिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4669 0 Hindi :: हिंदी
कण कण में भगवान हैं, सबकी जीवन डोर। पल पल की रखते खबर, देते रहते जोर।। कण कण में भगवान हैं,रखें सभी यह याद। ह्रदय बसा लें ईश को, करें नित्य फरियाद।। कण कण में भगवान हैं,करें नहीं मनु पाप। देंगें भारी दण्ड तब,दुख में होंगें आप।। कण कण में भगवान हैं,डरता मैं हूं यार। हरदम सुन्दर कर्म कर,रखता हूं मैं प्यार।। कण कण में भगवान हैं,करिए सरल गुहार। होंगें खुश जब ईश तो,प्रभु तब सुनें पुकार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....