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खुशी का राज

Mukesh Kumar Modi 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 79493 0 Hindi :: हिंदी

*ख़ुशी का राज*

ख़ुशी जैसी ख़ुराक नहीं, खाओ और ख़िलाओ
सबको ख़ुश करके, चेहरे पर मुस्कान सजाओ

प्रश्नों से जब पार रहोगे, तभी प्रसन्नता आएगी
ख़त्म होगी हर चिन्ता, चेहरे पर चमक छाएगी

सन्तुष्ट रहो ख़ुद से तुम, निश्चिन्त होकर जियो
ये जीवन है मीठा शर्बत, इसे घूंट घूँटकर पियो

सदा प्रसन्न रहने से, मन सन्तुलित हो जाएगा
निराशा का वातावरण, जीवन में नहीं छाएगा

जीवन का हर निर्णय, सही ढंग से ले पाओगे
सफलताओं के शिखर पर, चढ़ते ही जाओगे

खुश रहने से ख़ुशी रहेगी, वर्ना गुम हो जाएगी
भागो मत इसके पीछे, ये ऐसे हाथ ना आएगी

सच्ची खुशी का राज, जरा गौर से तुम जानो
ख़ुश रहकर खुशी बांटेंगे, यही आज से ठानो

*ॐ शांति*

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