Manju Bala 12 Jun 2023 कविताएँ समाजिक ख्वाबों की धरती में, उम्मीदों की आस,जब अंधकार आकर बढ़े और साये बढ़ जाएं, आंतरिक सौन्दर्य का खोख्वाबों की धरती में, उम्मीदों की आस, असीम आकाश की एक रचना, रौशनी की हास, जहां शक्ति अपनी आवाज बुलंद करे, वहां आपके लिए लाया हूँ यह प्रेरणादायी वर्ण. जब अंधकार आकर बढ़े और साये बढ़ जाएं, आंतरिक सौन्दर्य का खोजना न छोड़े, क्योंकि आपकी आत्मा में एक ज्योति निवास करे, हमेशा छिपी रहने वाली हिम्मत छुपा करे.जख्वाबों की धरती में, उम्मीदों की आस, असीम आकाश की एक रचना, रौशनी की हास, जहां शक्ति अपनी आवाज बुलंद करे, वहां आपके लिए लाया हूँ यह प्रेरणादायी वर्ण. जब अंधकार आकर बढ़े और साये बढ़ जाएं, आंतरिक सौन्दर्य का खोजना न छोड़े, क्योंकि आपकी आत्मा में एक ज्योति निवास करे, हमेशा छिपी रहने वाली हिम्मत छुपा करे. आंधी को गले लगाएं, सबको भूल जाएं, संदेह और भय को हवा में उड़ा जाएं, क्योंकि हर चुनौती एक अवसर बनाती है, उठने, बढ़ने, सीखने और नृत्य करने का जरिया बनाती है.ख्वाबों की धरती में, उम्मीदों की आस, असीम आकाश की एक रचना, रौशनी की हास, जहां शक्ति अपनी आवाज बुलंद करे, वहां आपके लिए लाया हूँ यह प्रेरणादायी वर्ण. जब अंधकार आकर बढ़े और साये बढ़ जाएं, आंतरिक सौन्दर्य का खोजना न छोड़े, क्योंकि आपकी आत्मा में एक ज्योति निवास करे, हमेशा छिपी रहने वाली हिम्मत छुपा करे. आंधी को गले लगाएं, सबको भूल जाएं, संदेह और भय को हवा में उड़ा जाएं, क्योंकि हर चुनौती एक अवसर बनाती है, उठने, बढ़ने, सीखने और नृत्य करने का जरिया बनाती है.क्योंकि आपकी आत्मा में एक ज्योति निवास करे,ना न छोड़े 5183 4 5 Hindi :: हिंदी
ख्वाबों की धरती में, उम्मीदों की आस, असीम आकाश की एक रचना, रौशनी की हास, जहां शक्ति अपनी आवाज बुलंद करे, वहां आपके लिए लाया हूँ यह प्रेरणादायी वर्ण. जब अंधकार आकर बढ़े और साये बढ़ जाएं, आंतरिक सौन्दर्य का खोजना न छोड़े, क्योंकि आपकी आत्मा में एक ज्योति निवास करे, हमेशा छिपी रहने वाली हिम्मत छुपा करे. आंधी को गले लगाएं, सबको भूल जाएं, संदेह और भय को हवा में उड़ा जाएं, क्योंकि हर चुनौती एक अवसर बनाती है, उठने, बढ़ने, सीखने और नृत्य करने का जरिया बनाती है.
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I have done M.A in three subjects these are Hindi ,History ,Political science. I have also done M.Ed...