SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मॉ की महिमा का बखान । 36762 0 Hindi :: हिंदी
है लफ्ज नहीं वो पास मेरे, किन शब्दों में तेरा गुणगान करूं। हे मात तुम्हारी महिमा का, कैसे मैं बखान करूं।। असमंजस में पड़ा मैं मॉ, किन शब्दों का शिरोधार्य करूं। किसे अर्पण करूं मैं चरण तेरे, किन शब्दों का मैं परित्याग करूं।। हर गगनचुंबी शब्द पड़ रहे छोटे, कुछ लिखने का जब मैं प्रयास करूं । थम जाती है कलम मेरी , आखिर कहॉ से मैं शुरूआत करूं।। है शब्द ही नहीं बने अभी तक वो मॉ, जिससे मैं तेरा बखान करूं। नहीं मुझमे इतनी है सद्बुद्धि, कि मैं नये शब्दों का शिलान्यास करूं।। है लफ्ज नहीं वो पास मेरे, किन शब्दों में तेरा गुणगान करूं। हे मात तुम्हारे श्री चरणों में , मैं बस अपना प्रणाम करूं।।2।। 🙏 धन्यवाद 🙏 संतोष कुमार बरगोरिया --------------------- (साधारण जनमानस)
I am Santosh kumar Bargoria s/o Sri Sewalal Bargoria at 26, Noor Mahammad Munshi lane Howrah -71110...