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मैं बेजान थोड़ी ना हूं

PURUSHARTH DEWANGAN 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत वो प्यार है मेरी, हर पल वो मेरे साथ है, इतना भी क्या चाहत मुझसे, मैं तुम्हारी जान थोड़ी ना हूं।। बेशक प्यार खूबसूरत है, हर वक्त मुझे वो निहार रही है, इतना भी क्या देखना मुझे, मैं कोई चांद थोड़ी ना हूं।। कहती है मैं बहुत दूर हूं, बहुत फासले हैं, तुम्हें मैं कैसे छू सकती हूं, मैं कोई आसमान थोड़ी ना हूं।। बस थोड़ी देर मिलने आना, चंद पल प्यार के साथ बिताना, इस बार रोक लेना जाने से मुझे, मैं कोई मेहमान थोड़ी ना हूं।। आज मिली थी वो रास्ते पर, हमें देख भी कुछ कहा नहीं, चुरा ली नजरें आज फिर उसने, मैं कोई अंजान थोड़ी ना हूं।। देर तक बातें करेंगे, खबर ना हो किसी को, बस चुपके से तुम मिलने आना, डर किस बात का है तुम्हे, मैं कोई बदनाम थोड़ी ना हूं ।। डरती है वो लोगो से, छुपा कर चाहती है वो रखना, सब समझता हूं, उसकी चाल मैं, मैं कोई नादान थोड़ी ना हूं।। पास ही रखना चाहती है, डर जाती है मेरे दूर जाने से, खो थोड़ी ना जाऊंगा मैं, मैं कोई सामान थोड़ी ना हूं। मैं तो हूं ही तुम्हारा, बस कैद ना करना मुझे, मेरी भी कुछ आरजू है, मैं बेजान थोड़ी ना हूं ।। 15057 0 Hindi :: हिंदी

वो प्यार है मेरी,
हर पल वो मेरे साथ है,
इतना भी क्या चाहत मुझसे,
मैं तुम्हारी जान थोड़ी ना हूं।।

बेशक प्यार खूबसूरत है,
हर वक्त मुझे वो निहार रही है,
इतना भी क्या देखना मुझे,
मैं कोई चांद थोड़ी ना हूं।।

कहती है मैं बहुत दूर हूं,
बहुत फासले हैं, 
तुम्हें मैं कैसे छू सकती हूं,
मैं कोई आसमान थोड़ी ना हूं।।

बस थोड़ी देर मिलने आना,
चंद पल प्यार के साथ बिताना,
इस बार रोक लेना जाने से मुझे,
मैं कोई मेहमान थोड़ी ना हूं।।

आज मिली थी वो रास्ते पर,
देख हमें कुछ कहा नहीं,
चुरा ली नजरें आज फिर उसने,
मैं कोई अंजान थोड़ी ना हूं।।

देर तक बातें करेंगे,
खबर ना हो किसी को,
बस चुपके से तुम मिलने आना,
डर किस बात का है तुम्हे,
मैं कोई बदनाम थोड़ी ना हूं ।।

डरती है वो लोगो से,
छुपा कर चाहती है वो रखना,
सब समझता हूं,
उसकी चाल मैं,
मैं कोई नादान थोड़ी ना हूं।।

पास ही रखना चाहती है,
डर जाती है मेरे दूर जाने से,
खो थोड़ी ना जाऊंगा मैं,
मैं कोई सामान थोड़ी ना हूं।

मैं तो हूं ही तुम्हारा,
बस कैद ना करना मुझे,
मेरी भी कुछ आरजू है,
मैं बेजान थोड़ी ना हूं ।।

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