shivkumar barman 15 May 2025 कविताएँ प्यार-महोब्बत #कविता #कविता95 #कविता_हिंदी 3909 0 Hindi :: हिंदी
मंजिल की चाहत में ना जाने कहां भटक गए निकले थे जोश में ना जाने कहां अटक गए कई तो चलते रहें, कईयों ने तो आदत ही छोड़ दी, मंजिल ना मिलने पर लोगों ने जिंदगी ही मोड ली, जो डटे रहे आखरी तक मंजिल पाने के लिए अब वो प्रेरणा बन गया स्वयं इन दुनिया के लोगों के लिए