Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मंक्षिका

Samir Lande 03 Sep 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत मंक्षिका समीर लांडे samir Lande 17802 1 5 Hindi :: हिंदी

एक मक्षिका नेहमीच तिच्या 
चेहऱ्या भवती तिला त्रास देते ,
आणि रोगाची साथ माझ्या हृदयात पसरते.
बरोबर फुलांवर बसलेल्या भौऱ्या प्रमाणे ,
मक्षिका तिच्या चेहऱ्यावर बसते .
जणू तीच हवी तिला, गोड , मधुर ,
मक्षिका कुठे कडू आणि कोढ्यावर बसते.
गोंडस हसणं , फुलांस दिसणं ,
मक्षिका ही तिच्यावरच मरते .

कवी :- समीर लांडे

Comments & Reviews

tintoiya siraj
tintoiya siraj read.......

1 month ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो प्राप्त कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, असम्भ� read more >>
शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
इच्छा शक्ति 🥀🥀 शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिल� read more >>
Join Us: