Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मनुष्य बड़ा अभिलाषी है-मनुष्य भूल जाता है

ROHIT YADAV 10 Aug 2023 कविताएँ अन्य मनुष्य , rohit yadav sayar 6320 0 Hindi :: हिंदी

मनुष्य बड़ा अभिलाषी है
भूल जाता है की आपका ही तो दIसी है पाँचों उंगली का माप  सामान नहीं
मन हर इंसान बल बुद्धि विदवान नहीं
परंतु कर तो सब इस मृत्यु लोक पर कर्म ही रह रहे हैं
 ना कोई आज न्याय सही गलत का कर सकता है ....
किसी पर अपने से ज्यादा खर्च रहा , किसी पर अमूल्य हर्ष रहा,
 कोई चिंता कर रहा है कल की, तो कोई आज ही मगन रहा,
 कोई हरी आपकी तपस्या में ही कर जाप रहा 
बार-बार भूल जाता है कि मात्र पेड़ की पत्ती है अस्तित्व नहीं कुछ रह जाना है,
 वापस पंच तत्व में प्रकृति में विलेन हो जाना है  ll
मैंने जैसा किया किसका सम्मान और किसका अपमान,
 मैं क्या बताऊं आप तोह हरि स्वयं जानते हैं हो
 नहीं आप से भी कोई दया मांगता हूं कर रहा हूं जो कर्म मात्रा उसका फल मांगता हूं 
कृपा इतनी करना भगवन असत्य आन्याय ना लिखे,
मेरी कलाम ना किसी ताज की गुलाम बने ना व्यापार का आयाम बने,
 बस कृपा इतनी करना पढ़ने वाले को आनंद सद्बुद्धि और आराम मिले 
  जय हिंद
.... रोहित यादव

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: