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पश्चिमी संस्कृति- बोलकर, कर रहे हैं कुछ भी लोग

Monu kumar 07 Jun 2023 कविताएँ समाजिक भारतीय 8816 1 5 Hindi :: हिंदी

पश्चिमी संस्कृति बोलकर,
कर रहे हैं कुछ भी लोग। 
हाथ मिलाबे सब कोइ,
पैर छुए न कोए। 

शुट पेहने सब कोइ,
धोती कुर्ता पहने न कोइ।
पश्चिमी संस्कृति बोलकर, 
कर रहे हैं कुछ भी लोग। 

चौराहे पर गोलगप्पे खाए सबकोइ।
सत्तू पिए न कोए।
पश्चिमी संस्कृति बोलकर, 
कर रहे हैं कुछ भी लोग।

Comments & Reviews

RAJAT ROHIT RAJPUT
RAJAT ROHIT RAJPUT सत्य वचन 👌

11 months ago

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