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समय समय की बात है-यही शह और मात है

Ujjwal Kumar 12 Jun 2023 कविताएँ अन्य Time 8092 0 Hindi :: हिंदी

समय समय की बात है
यही शह और मात है
यही दुखो का काट है
यही सुखो का हाट है

इसकी बड़ी तेज गति
समझ ना पाए मूढ़ मति
मूल्यवान है बहुत अति
इसके बीते जिंदगी कटी

अगर किया इसको व्यर्थ
तुम्हारा ना होगा फिर कोई अर्थ
हर दर्द का है यही मात्र मर्ज़
खर्च इसे करो जैसे हो कोई कर्ज

समय की यही एक परिभाषा है
जीवन जीने की यही तो आशा है
ये हमारा है(होगा) यही दिलासा है
सही उपयोग करे यही अभिलाषा है

स्वरचित कविता
- उज्जवल कुमार

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