Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #sahitya #hindi #poetry #bhasha 101438 0 Hindi :: हिंदी
असत्य की हार तय है मानो, सत्य का पक्ष लेना है जागो। वीरता के पूजक बनो, लोभ, भीरुता, को अंतर्मन से त्यागो। ओझल दिखने वाले ये सब अंधियारे हैं। सत्य की राह पर चलने वाले एक किनारे हैं। माना,विपरीत परीस्थितियों में शांत रहना आसान नही। भयभीत होकर चिंतन करें ये हमारी पहचान नही। भयावह स्थितियों में डगर नही बदलेंगे हैं हम। सत्य के साथ कदम मिलाकर सदा आगे बढ़ेंगे हम। चाहे ये दिन-रात, ये रिश्ते-नाते लोग-बाग, सब हमारे खिलाफ हो जाएं, अडिग हौसले होंगे हमारे, असत्य को मिटाने का कार्य करेंगे हम। विपरीत परिस्थियों में भी अनुकूल होकर लड़ेंगे हम। मन से वीर बन सकते हैं हम इस धारा पर। शौर्य-गाथा लिख सकते हैं हम, जग में उजियारा कर। ये सुबह की रौशनी, ये धूप-उजाले, सत्य के रूप हैं सब सदैव साथ हमारे। सत्य के साथ लोगों की हज़ारों चेतना हैं। झूठ बिना पैर के कितनी दूर जाएगा देखना है। नाकामी भी साथ होगी। बदनामी भी साथ होगी। एक कदम झूठ के साथ बढ़ाने पर। हज़ारों कदम साथ जुड़ेंगे सच के साथ आने पर।