अशोक दीप 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Shikshak divas par kavita, poem on teachers day, shikshak diwas par salary, shayari on teachers day, 5 september pr poem, शिक्षक दिवस पर मुक्तक, muktak on teachers day 88481 0 Hindi :: हिंदी
1 जहाँ टपका दुखी आँसू, वहाँ घायल हुआ शिक्षक । जहाँ टूटा सपन कोई, वहाँ पागल हुआ शिक्षक । दुखों की राह में जग को, अकेला छोड़ता है कब- जहाँ देखा अधर प्यासे, वहाँ बादल हुआ शिक्षक । 2 पकड़कर प्रेम से उँगली, विमल पथ पर बढ़ाता है । ककहरे से शुरू करके, शिखर शिक्षा चढ़ता है । फकत इक देह मत समझो, दिवाकर दिव्य है गुरु तो- अँधेरा सोख कर जग का, उजाला जो लुटाता है । अशोक दीप जयपुर