संदीप कुमार सिंह 27 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6217 0 Hindi :: हिंदी
तेरे दिल के समुंदर में डूब जाऊं। ये तमाम जिन्दगी तेरे नाम कर जाऊं। कल जब मैं पहली बार देखा तुम्हें_ तेरे लिए सभी हद को पार कर जाऊं। वह क्या चीज थी एक सुखद अहसास। जो तुझे मेरे लिए बना दी है बहुत ही खास। नहीं चाह कर के भी तुम्हें देखने की चाह है_ अब मात्र तेरे ही साथ रहने की है एक आस। तुम जो मिल जाओगी सपने पूर्ण होंगें। खुशियों का चिराग रौशन होंगें। कोई भी गम को पास न आने दूं_ मैं तुम ओर सिर्फ प्यार ही साथ होंगें। एक ऐसा प्यार जो अमर होगा। हर जुवां पर अपना ही प्यार होगा। लोगों में एक नई उत्सुकता हो_ सर्व लोकों में एक दृष्टांत होगा। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....