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उसको खूबसूरती से प्यार और में लड़का जरा सांवला

sonu 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत tag artical 62402 0 Hindi :: हिंदी

 कैसे है आप लोग उम्मीद करता हूं आप लोग अच्छे होगे हैलो दोस्तो मेरा नाम सोनू महतो है 
 ये कहानी एक आम  लड़के की कहानी है कैसे लड़के को आपने ही गली में किसी लड़की से सच्चा प्यार हो जाता हैं कैसे उसकी जिंदगी में बदलाव आने लगता हैं, इससे पहले में आपको ये कहानी सुनाऊं आपसे कुछ पूछना चाहता हु किया आपने भी आपने जिन्दगी में किसी का बेहद इंतजार किया हैं या कभी बारिश में भीगते हुए किसी की यादों का आ जाना कभी ट्रैन में विंडो सीट पे बहती  हवा आपको किसी की मीठी यादें याद आ जाए या कभी रात को छत पर सोते हुए चांद को देखते देखते मन हल्का हो गया हो गया किसी को सोचते सोचते,
 में ये सब आपसे इसलिए पूछ रहा हु अगर आपको भी ऐसा ही कुछ होता है तो आपको भी किसी से पुराना प्यार है मेरी ही तरह, चलिए में अपनी कहानी के बारे में आपको बताता हु कैसे कोई अजनबी  सासो से भी ज्यादा कीमती लगने लगता है कैसे एक चेहरे को भूलने के लिए एक जिन्दगी छोटी पड़ जाती हैं।
 
सुबह के 7 बज रहे थे मंगलवार का मेरा छुट्टी का दिन था में रोज की तरह  मोबाइल चलाते  बाहर टहलते हुए वक्त  बिता रहा था ,गाने सुनने का मन किया तो छत पर हल्की धूप में चले गया धूप अच्छी आ रही थी आसमान बिल्कुल नीला हो चुका था आसमान में एक पक्षियों का एक झुंड आकाश में किसी दिल जैसी आकृति बनाते हुए जा रहे थे ये सब देख मन हल्का ओर खुश हो गया जैसे कई दिनों की थाकावट खतम हो गई हो  तभी मेरी लाइफ का बचपना याद आ गया कैसे में अपनी ही गली में शाम को घर आया करता था थक हार कर वो क्लास में क्रिकेट खेलना ,ओर लाइफ का मेरा पहला क्रश, वो सारी गलतियां याद आ रही थी ,मेरी लाइफ का लेसन ऐसा था की में जब तक वहाँ तक पहुचता तो जिन्दगी अगले लेसन पर पहुच जाती , मे आपको आपने बदलाव के बारे में बताता हु जैसे जैसे में बड़ा हुआ मुझे अपनी ही गली में एक लड़की से प्यार हो गया एक ही गली में रहने के कारण हम दोनो की नज़र जब भी मिलती तो एक दूसरे से हटती  नही थी ऐसा 16 साल की उमर में पहली बार हो रहा था ।
 हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे गवर्नमेट स्कूल होने के चलते वो सुबह स्कूल जाती और मेरा  स्कूल टाइम 1 बजे से सुरु  होता था  जब उसकी स्कूल की छुट्टी होती हो बोहूत सारे चेहरों में उसका चेहरा को एक झलक  देखने के लिए तरस जाता जब वो मुझे दिख जाती तो हम दोनो की चेहरों पर मीठी सी स्माइल होती थी ,
सब ऐसा ही चलता रहा कुछ दिनों बाद मेने आपने दोस्त से अपनी दिल की बात बताई तो उन्हों ने मुझे उससे बात करने को कहा हालाकि हम दोनो एक ही गली में रहते थे पर मुझ में इतनी हिम्मत नही थी की में उससे आपने दिल की बात कर सकू
 मुझे हमेशा यही डर लगा रहता की में जैसे सच्चे दिल से प्यार करता हु किया हो भी मुझे वैसे ही प्यार करती है या नही ,तो मेने ये पता करने के लिए उसको लव लेटर लिखा 
हालाकि मुझे यह भी नहीं पता था लव लेटर कैसे लिखा जाता है  मुझे तो ये भी पता नहीं था मुझे सच्चा प्यार हुआ भी है या नही ये सब जो मेरे और उसके बीच चल रहा था हम दोनो के लिए नया था तो मेने अगले दिन लेटर लिख कर मेने अपनी सिस्टर के हाथो से भिजवा दिया अगली सुबह  पहली बार इतना डरा हुआ महसूस कर रहा था मुझे ऐसा लग रहा था मानो जिंदगी और मौत का इम्तेहान दे रहा हु मुझे बस उसके  जवाब का इंतजार था में साम को घर जाते हुए मन में यही चल रहा था किया वो मेरी फीलिंग को समझ पाएगी  या नही ये भी लग रहा था कही वो 
 अपनी मम्मी को लेटर वाली बात ना बता दे बस यही सोचते सोचते घर कब पहुंच गया पता ही नही चला   घर आते ही मेने अपनी सिस्टर से पूछा लेटर के बारे में तो उसने बताया की उसने लेटर लेने से मना कर दिया  ये बात सुनते ही में छत पर चले गया मेरे मन में यही सवाल आ रहा था  शायद में थोड़ा सांवला हु शायद इसलिए  उसने लेटर लेने से मना कर दिया मुझे कुछ समझ नहीं आ रह था फिर कुछ दिनों तक में उदास सा रहने लगा फिर मुझ से रहा न गया दिवाली की रात थी जिस दिन मेने उसको दूसरा लेटर लिखा और मेने उसी के छोटे भाई के हाथो भिजवा दिया पर उसने  इस बार  लेटर को फाड़ कर फेंक दिया और ये बोला अगर दुबारा ऐसा किया तो में आपने घर पर बता दुगी उस दिन मुझे याद हैं रात में लाइट नहीं आ रही थी तो में छत पर सोने चला गया उस दिन चांदनी रात थी और ये सब सोचते सोचते बिस्तर पर कब मेरी खुली आखों से आसू आने लगे  उस रात  चांद और बादल को देखते देखते सुबह हो गई फिर मेने भी गुस्से में खुद से ये वादा किया अब से उसको कभी परेशान नहीं करूंगा  
 तब मुझे लाइफ में पहली बार ही दर्द का एहसास हुआ ओर ये भी पता लगा चोट कितनी गरही लगी है
में अपनी मम्मी की नजरो में कभी गिरा नही उनके लिए सचा रहा मेरी मम्मी को ये बात पता ना चल जाए  इसिलए मेने वादा किया अब उससे इजहार तभी करुगा जब वो मुझसे खुद प्यार का इज़हार करेगी , बस दिल यही कहता था की वो भी मुझसे प्यार करती है ओर दिमाग़ कहता फिर से कुछ गलत ना हो लेकिन मुझे प्यार समझ आ गया था ,इन सब में एक बात क्लियर हो गई की वो लड़की मेरी लाइफ में बेसक ना आ पाए पर जो मैने उसके लिए फील किया उसको कभी नही भूलूंगा , क्युकी  प्यार तो मुझे हुआ था ,लेकिन आज  श्याद जो उनको चहिये था उनको मिल गया है ओर वो ख़ुश भी है।
 ऐसा नही की मुझे बुरा लगा दुख हुआ अगर पूरी दुनिया में सबसे सेफ ओर सबसे अच्छी जगह जहाँ वो खुश रहे में भी उसको वही देखना चाहता हु बस एक सपना देखा था ओर बस उसी का फर्ज निभा रहा हु
आसान नहीं होता किसी का सालो साल तक इन्तेजार  करना ओर पता भी ना हो की शायद वो इंसान कभी वापिस भी आए  जो भी हो जिंदगी ने मुझको ऐसा इंसान बना दिया  जो प्यार को समझ सकता है मे अपनी ही नजरो में कभी नही गिरा रोज आईने के सात खड़ा होता हु तो में उस आईने में अपनी आखों में अभी भी उसके लिए प्यार ही देखता हूं लोग तो कुछ कदम चलते ही बदल जाते है और में ये जानते हुए भी की उसकी मंजिल कोई और है रास्ते पर चलता रहा
शायद लोग मेरी ये कविता पढ़ कर पागल या बेवकूफ इंसान समझेंगे और ये सही भी लगता है पागलपन जैसा ही होता हैं प्यार भी कुछ कुछ में आपको ये तो नही बता सकता प्यार कैसे होता है या हो जाता है पर ये समझ लिजिए एक कप तेजाब के प्याले में दो बूंद शराब की।
अगर तुमको मेरी कविता कभी पड़ने को मिले तो मुझसे मिलना जब तुम और में 
बस आखरी में यही बोलना चाहता था की तुमारे लिए प्यार का मतलब तुमारा crush या तुमारी relationahip  या valitinday के लिए प्यार का इजहार करना हो सकता है पर मेरे लिए मेरा प्यार मेरी जिन्दगी है।
ऐसा भी नही की सब ख़त्म हो गया था पर अब जो मन में शोर था अब शांत हो गया था अब बस चुप रहने में ही भलाई थी अभी भी अपनी गलीयों में शाम को देर से लौटने का मन करता है फिर किसी मनीषा के यादो में खोने का मन करता है में फिर से वापिस वैसा ही तुमारा छत के ऊपर आने का इन्तेजार कर सकता हु पर किसके लिए मुजे अभी भी लगता है की तुम मुझे पहले जैसा कर सकती हो पर अब यार कोन दुबारा मेहनत करे फिर दिल लगानें को दिल तुड़वाने को अब नही हो पायेगा ,फिर किसी मनीषा के याद में पड़ जाने को लेकिन अब चुप रहने में भी भलाई नजर आती है बस यही थी मेरी कहानी ये कहानी लिखने का मकसद मेरा यही था की शायद उसको अभी भी यकीन नही हुआ होगा की में कितना प्यार करता हु नही तो कम से कम मुझे मना करने के वास्ते ही आ जाती

में तुमसे बस एक मुलाकात चाहता हूं जब तुमारी चेहरे पर झुरिया पड़ जाए और तुम्हारे  बाल सफेद हो ओर एक टेबल  पर रखी एक जलती हुई मुंबती और दो कुर्सियां और एक खूबसूरत साम  बस तुमको ये याद दिलाने के लिए की में ज़िंदगी भर तुम्हारे ही पास था ।


लेखक:।     सोनू महतो
पता:।            गली न: 7 श्याम कालोनी सेहतपुर      
   फरीदाबाद हरियाणा
फ़ोन न:।       7065746292
Email id।    [email protected]



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