रघुवीर सिंह पंवार 16 Feb 2025 कविताएँ अन्य वादे #रिश्ते #विश्वास #प्यार #दोस्ती #सच्चाई #भावनाएँ #जीवन #कविता 3840 0 Hindi :: हिंदी
वादे करते हैं हम हर रोज, कभी खुशी में, कभी संजोग। कभी दोस्ती में, कभी प्यार में, कभी अपनों के एतबार में। पर वादे जब टूट जाते हैं, रिश्ते भी साथ छोड़ जाते हैं। दिल में एक चुभन सी रहती है, आँखों में नमी सी बहती है। रिश्ते तो फूलों जैसे होते, प्यार की मिट्टी में पलते-बढ़ते। अगर सही देखभाल न पाएं, तो धीरे-धीरे मुरझा जाते। एक हाथ दे, एक हाथ ले, यही नियम है, यही सबक है। पर कुछ लोग लेते ही जाते, कभी किसी को कुछ न लौटाते। अगर निभाना हो, तो दिल से निभाओ, झूठे वादों से दिल मत दुखाओ। जो वादा किया, उसे पूरा करो, किसी के भरोसे को मत तोड़ो। रिश्ते प्यार और सम्मान से चलते, धोखे से ये टूटकर बिखरते। इसलिए सोच-समझकर कुछ भी कहो, वादे वही करो जो निभा सको।