वंदना स्तुति 16 Apr 2023 कविताएँ समाजिक वाह रे इंसान ! तू भी क्या खूब फर्ज निभाता है।। 9084 0 Hindi :: हिंदी
वाह रे इंसान ! तू भी क्या खूब फर्ज निभाता है। इंसानियत को रौंद के,मंदिर में जाता है । *** भूखे,निर्धन की भूख मिटाने से पल पल तू कतराता है, पत्थर के नाम पर छप्पन भोग लगाता है । *** अबला अकेली देख कर, निः वस्त्र उसे बनाता है, पत्थर की देवी को चुनरी चढ़ाने जाता है । *** वाह रे इंसान ! तू भी क्या खूब फर्ज निभाता है। इंसानियत को रौंद के,मंदिर में जाता है ।।