चेतन भाई अॉजणा 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक मारो गांव 8650 0 Hindi :: हिंदी
वह सुनहरे दिन थे , हमें अभी तक याद न भूलेंगे ना भुलने देंगे ,रखेंगे हमेशा याद। गांव हमारी संस्कृति , गांव हमारी सोच गांव हमारा शौर्य, गांव ही हमारा शौक। लहराती हुई हवा,हिशकोले खाती फसल यह दिखावा न मिले कई और सरल। कल कल करे कोकिला, डगमग डोले पेड़ भरा हुआ खलियान ,मस्त लगे मरेङ मयूर पंख फैलाए और नाचन लगे जोर, सब देखें पर गांव लगे मस्त मधु मोर