Suman saharan 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत पापा की उम्मीद हूं मैं 6631 0 Hindi :: हिंदी
यह फैसला मेरा अंतिम है इस बार ना बदल लूंगा खुद को मैं सही था सही हूं सत्य ही कहूंगा सबको यह पत्थर तो बहुत है राह में रास्ते से अब हटा दूंगा सबको बस अपना ही माहौल हो ऐसा समय आएगा कब तो काली रातें बेशक डराती पर मुझे नींद ना आती कैसे दूर इन किताबों को रख दूं मुझे वह पापा की याद दिलाती है हर वक्त दिखता उनकी आंखों में खो है जो छाया है मेरे लिए एक तरफ मेरी काबिलियत तो दूसरी ओर माहौल परीक्षा का आया है मेरे लिए है यह मेरा अंतिम फैसला इस बार हार ना मानूंगी आपकी ही बेटी हूं पापा जश्ने जीत का लाऊंगी