संदीप कुमार सिंह 09 Nov 2024 कविताएँ समाजिक Meri Yh Kavita Samaj Hit Me Hai.Jise Padhkr Aap Sabhi Log Kafi Labhanvit Honge. 4872 0 Hindi :: हिंदी
जिन्दगी बेहतरीन बातें करते _ करते हद कर दी आपने। मीठी जहर बन मुझे खराब कर दी आपने। मगर मैँ तो औरों जैसा नहीं हूँ _ मुझे पहचानने में भूल कर दी आपने।। अब मैँ आपको सही परिचय दूँगा। करारा मैँ जवाब भी निश्चय दूँगा। अबकी कर दूँगा सारा फैसला _ ताकत का प्रदर्शन भी निर्भय दूँगा।। तब तो आप सबके होश लगेंगे ठिकाने। ढूंढते फिरोगे मुझ से बचने के कई बहाने। सुबह का भूला शाम को घर आ जाओगे_ मगर फिर भी भरने पड़ेगें कुछ हरजाने ।। निसंकोच भूल जाऊँगा सारी अदावत। देता रहूँगा समयानुकुल नसीहत। लेते रहना आप सब दिमाग स्वच्छ होगा_ खुशबू. की तरह फैलती जायेगी अस्मत।। दुनियाँ मेरी कल्पना से भी है ज्यादा हसीन। नजारे यहां एक से बढकर एक है रंगीन। कास आप सब भी ऐसी ही समझ लेते_ जिन्दगी होते _ होते हो जाती तब बेहतरीन।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....