Rahul verma 30 Mar 2023 शायरी अन्य गिर्दाब/ राहुल वर्मा / नीर 8149 0 Hindi :: हिंदी
मत दिखा मुझे ये तेरी शोहरत के पन्ने, उन्ही पन्नो की किताब हूँ मैं, . तू सूंघ रही है जिन महुआ के फूलो को, उन्ही से बनी शराब हूँ मैं, . और तुझे उड़ाना है तो उड़ा ले गर्द, जब तक सो रहा है नीर..., . क्यो कि जागने पर तो.... थार भी बह जाए; ऐसा गिर्दाब हूँ मैं..!