Rahul verma 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत उड़ान / राहुल वर्मा/ नीर 9966 0 Hindi :: हिंदी
क्यू रोता है ऐ-नीर, यहां पंख निकलते ही परिंदे उड़ान भरते है, . भनक लगी है तेरी खनक की उन्हें, तभी वे दरिंदे कान भरते है, . और ये जो रिश्तो के चक्कर मे जुबान नही खुलती तेरी, तो दूर चला जा उन रिश्तो से....., . क्योंकि वे जिंदो को ही मारते है, मरे हुए में कौनसी जान भरते है। ☹️☹️☹️