Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी समाजिक उम्मीद मत रखिए, Sad Shayri, Hindi Sad Shayri 157306 2 5 Hindi :: हिंदी
उम्मीद मत रखिए किसी से दिलनवाज़ी की, खिदमत अब करते हैं लोग बस दिखावे की। बड़े अदब से पेश आते हैं दौलत वालों से, इज़्ज़त नहीं करते अब लोग उम्रदराज़ो की। — त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’ कानपुर (उत्तर प्रदेश)