Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

Santosh kumar koli ' अकेला'

  • Followers:
    1
  • Following:
    2
  • Total Articles:
    162
Share on:

My Articles

ये प्यारी, नन्ही परी। घर-गुलिस्तां की, बिटिया खिलती कली। सूना संसार, देश, हर आंगन गली। प्यारी गुड़िया चंचला, मिश्री-सी डली। सहन-तितली, read more >>
ताड़न अक्सीर से, शख़्सियत का सरूर बदल जाता है। टोक की ओक से, नक़्शे नूर बदल जाता है। ख़राद से ही, अक्स चमकता है। करका-कण दामन, तरासने से read more >>
बोलना चाहिए पिता, पर बेटा बोलता है। पिता-पुत्र के रिश्ते को, बिन भाव तोलता है। बोलनी चाहिए मां, पर बेटी बोलती है। मां के कर्मों की, छुई-अ read more >>
कल का पता न पल का पता, बांधता मन-मन की। जवानी के झाग झांवर गए, रेनी मैली भवन की। ठान खोदता, आन अज़माता, सुध न रही कंचन तन की। तेरा, मेरा मिट read more >>
१ चुका उधार पेड़ों से धरती का कर श्रंगार २ जीवन पथ मिला ताल से ताल रुकना मत ३ये संध्या लाली झिलमिल चूनर आभा निराली read more >>
ऩजर को लगी ऩजर, दिखाई देते पर दोष। खुद को तो मानता, गुण-रत्न का कोष। दूसरों की उघाड़कर, खुद की ढकने का होश। दूर की जलती सूझे, घर में जले तो read more >>
Join Us: