Prashant Kumar 11 Apr 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत 5967 0 Hindi :: हिंदी
हैरान था मैं आपको हैरान देखकर ऐसे तुम्हारे हुस्न का ऐलान देखकर। जब इश्क तोलने को तुम्हारा कहा गया मैंने नजर ही मोड़ ली मीजान देखकर। तुम सोचते हो बैठने को भी नहीं कहा तुम लौट जाते टूटा सा दालान देखकर। उस वक्त हार जाते समंदर भी उनसे तो जब रोते थे मुझे बो परेशान देखकर। पहचान है 'प्रशांत' को हर चेहरे की अब बो जान लेता चेहरा इंसान देखकर।