Prashant Kumar 09 Apr 2023 ग़ज़ल दुःखद 6865 0 Hindi :: हिंदी
कोई तो याद मेरी कहानी रखे बेवजह अपनी आंखों मे पानी रखे। रब्त है जब उसे हर नई चीज से सांस क्यों फिर बदन में पुरानी रखे। क्यों न हो हादसा कोई इस उम्र मे कब तलक अपने वश में जवानी रखे। वो जिसे इश्क है ही नहीं मुझसे तो खांमखां पास मेरी निशानी रखे। रिंद को जाहिदों का ये पैगाम है दुश्मनी जाम से खानदानी रखे। तन वदन ढंग से भीग जाए खुदा अब की आंखों में बारिश का पानी रखे। प्रशांत कुमार