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अपने आप को पूर्णता और संतोष की अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं

Shivani singh 10 Jul 2023 कहानियाँ अन्य 5757 0 Hindi :: हिंदी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह अकेला रहता था और उसका अपना कोई परिवार नहीं था। उसके पास बहुत सारे धन और संपत्ति थी, लेकिन उसे बहुत अकेलापन का अनुभव होता था। उसकी आयु भी अब चारों ओर घट रही थी और उसे यह एहसास हो रहा था कि उसका जीवन बिना किसी उद्देश्य के बित रहा है।

एक दिन, उसने गांव के पंडित जी से मिलने का निर्णय लिया। वह ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति थे और उसके पास सभी समस्याओं के समाधान थे। उसने पंडित जी से अपने जीवन का उद्देश्य पूछा।

पंडित जी मुस्कराए और बूढ़े आदमी को बताए, "बेटा, जीवन का उद्देश्य धन, संपत्ति या सामाजिक स्थान की प्राप्ति नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ अपने आप को और दूसरों को सहायता देने में खोजने में है।"

बूढ़ा आदमी हैरान था। उसने कहा, "लेकिन पंडित जी, मेरे पास कोई परिवार नहीं है, मैं किसे मदद कर सकता हूँ?"

पंडित जी ने एक बड़ी आँख खोलते हुए कहा, "बेटा, मदद करने के लिए आपको किसी के पास रिश्तेदार नहीं होने की आवश्यकता नहीं होती। आप अपनी सम्पत्ति का उपयोग करके गांव की स्कूलों, अस्पतालों और आश्रमों के लिए दान कर सकते हैं। आप अकेले हों लेकिन आपका जीवन फिर से उद्देश्य प्राप्त कर सकता है।"

इस प्रेरक बातचीत के बाद, बूढ़ा आदमी अपनी संपत्ति का उपयोग करने लगा। वह गांव की जरूरतमंद बच्चों के लिए विद्यालय खोला, गरीबों के लिए खाद्यान्न वितरण शुरू किया, और अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार प्रदान करने का आयोजन किया। उसका जीवन अब एक नया अर्थ प्राप्त कर गया।

धीरे-धीरे, उसकी मदद से गांव में एक सकारात्मक परिवर्तन आने लगा। लोग उसे सम्मान करने लगे और वह जीवन में संतोष और समाधान की प्राप्ति करने लगा। वह अकेले होते हुए भी आत्मर्पण के साथ जीने लगा।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन का उद्देश्य हमारे प

यात्रा है, और यह संग्रहीत धन और संपत्ति की सीमा से परे होता है। हम अपने जीवन में उद्देश्य को खोजने के लिए अकेले हों या परिवार के साथ हों, हमें स्वयं को और दूसरों को सहायता और प्रेम के माध्यम से जोड़ना चाहिए। इस प्रकार, हम जीवन का असली मकसद प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही अपने आप को पूर्णता और संतोष की अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं।

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