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अटूट आस्था- अटूट आस्था यानी पूर्ण रूप से परमात्मा पर विश्वास

Archana Singh 20 May 2023 कहानियाँ धार्मिक 🌼🍁🍁🌼 अटूट आस्था 🌼🍁🍁🌼 8561 0 Hindi :: हिंदी

नमस्ते दोस्तों 🙏🙏

दोस्तों ! आज की कहानी का शीर्षक मैंने रखा है  " अटूट आस्था "!
 अटूट आस्था यानी पूर्ण रूप से परमात्मा पर विश्वास और जो परमात्मा पर विश्वास कर लेता है वह परमात्मा को सच्चे दिल से पा लेता है ।

चलिए ! आपको एक प्यारी सी कहानी सुनाती हूं .....

 दो मित्र थे ।
 दुनियादारी से और अपने गृहस्थ जीवन से उब चुके थे , तो उन दोनों ने तय किया कि अब वो परमात्मा की भक्ति में , उनकी शक्ति में लीन हो जाएंगे और सच्चा साधक बनेंगे ।

 ऐसा सोचकर दोनों ने निश्चय किया कि वह अलग-अलग पहाड़ों पर जाएंगे और भगवान को अपनी-अपनी आस्था से उन्हें पाने की कोशिश करेंगे ।

पहला साधक एक ऊंची चोटी पर चला गया और एक पेड़ के नीचे भगवान की ध्यान करने लगा । 
कई महीनों तक उसने भगवान का ध्यान किया फिर 1 दिन भगवान ने अपना दूत भेजा ।

 दूध उस पहले साधक के पास आकर बोला कि 
  " तुम  यहां कई महीनों से  जप - तप कर रहे हो , आखिर तुम्हें क्या चाहिए " ....?

 पहले साधक ने कहा :"  मैं परमात्मा की खोज में आया हूं  । मैं उन्हें पाना चाहता हूं " ।

 उस दूत ने कहा  :" तुम जिस पेड़ के नीचे बैठे हो उस पेड़ की पत्तियों को देखे ".....?

  पहला साधक उस पेड़ की सारी पतियों को देखने लगा  । 

फिर दूत ने कहा :"  इस पेड़ में जितनी पत्तियां है तुम्हें उतने साल लग जाएंगे अपनी साधना में तब भगवान तुम्हें प्राप्त होंगे  , लेकिन यह भी निश्चय नहीं है इतने सालों  के बाद भी परमात्मा तुम्हें दर्शन देंगे भी या नहीं " ।

 इससे वह पहला साधक थोड़ा सा खिन्न हो गया ।
उसे लगा  " मैं इतने सालों तक  तप करूंगा , उसके बाद भी परमात्मा को अगर नहीं  पा सकूंगा तो मेरा यह जीवन ही व्यर्थ है  " ।
वह निराश हो गया और उसकी आस्था डगमगा गई ।
 उसने जप - तप छोड़ दिया और वापस अपने गृहस्थ जीवन में चला गया ।

वही दूत फिर दूसरे साधक के पास गया ।
 उसने भी उससे वही सारी बातें कहीं ।

 इस पर वह दूसरा साधक प्रसन्न मुख से बोला ... " हे महामुनी !  अगर ऐसा हो जाए तब तो मैं बहुत प्रसन्न हूं । अगर इस पेड़ पर जितनी पत्तियां है अगर उतने सालों के बाद मुझे परमात्मा के दर्शन हो जाए ,  ये निश्चीत है , तो मेरा तो ये जीवन  ही सफल हो जाएगा । मैं  परमात्मा को पाने के लिए  अगले सात जन्मों तक जप करता रहूंगा , ,,,
 पर आपने कहा कि मुझे इसी जन्म में परमात्मा के दर्शन हो जाएंगे  , तब तो मेरी जप -  तप की  आस्था और दुगनी बढ़ गई ।
यह सोचकर खुशी मन से  वह अपने  ध्यान में लग गया ।
  उसे परमात्मा पर अटूट आस्था थी और सच में  वह बहुत जल्द ही परमात्मा के दर्शन का पात्र बन गया ।

तो दोस्तों !  अगर आपकी आस्था अटूट है परमात्मा के प्रति , तो निश्चित ही परमात्मा के दर्शन , उनकी कृपा दृष्टि आप पर जरूर पड़ेगी।

 धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐

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