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अवसाद

Vikram Singh Gurjar 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक अपने पिताजी का लालच और क्रोध और बेटे नीलू का अवसाद 77833 0 Hindi :: हिंदी

एक गांव में एक आदमी के दो लड़के और एक लड़की थी। उसके बड़े बेटे का नाम राम और छोटे बेटा नीलू था। उसका बड़ा बेटा पशु चिकित्सक की पढ़ाई कर रहा था और उसका छोटा बेटा नीलू अंग्रेजी अध्यापक की तैयारी कर रहा था। उसके पिताजी अनपढ़ थे और और किसान थे। उनके पिताजी एक तरह की कंजूस है और उसको हमेशा क्रोध आता रहता था। 1 दिन उसकी बेटी नीलू ने उनसे पढ़ाई के लिए शहर में जाकर रहने के लिए पैसे मांगे थे। नीलू ने उनसे जाकर कहा पिताजी मुझे पैसे चाहिए तभी उसके पिताजी ने कहा कि हर बारी तुम्हें पैसे चाहिए रोज यहां से बस द्वारा चला जाया कर। किसी पता है तुम पढ़ोगे तुम कुछ नहीं करने वाले मेरे सारे धन तुमने तुम्हारी पढ़ाई में लगा दिए। नीलू ने यह बात सुनकर भी कुछ नहीं कहा अगले दिन नीलू ने कहा मुझे पैसे दो मैं यहीं से ही बस से चला जाऊंगा। उसके पिताजी ने उससे पैसे तो दे दिए लेकिन खरी-खोटी सुना कर दिए। अगले दिन फिर नीलू ने पैसे मांगे तो उसके पिताजी ने कुछ नहीं सुना और उस को पीट दिया। उसकी पिटाई करने के बाद वह बच्चा अवसान डिप्रेशन  में चला गया क्योंकि वे डिप्रेशन में इस कारण चला गया क्योंकि एक तरफ पढ़ाई और दूसरी तरफ परिवार द्वारा सहायता नहीं मिलने के कारण व परिवार को छोड़कर चला गया था। फिर उसके परिवार ने उसको खूब ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिला। किसी भी किसी को भी पता नहीं था नीलू कहां गया गया तो कहां गया। 10 साल बाद जब नीलू घर आया तो उसको देखकर उसके गांव वाले और परिवार वाले वह पिताजी देकर उसको दंग रह गए। क्योंकि जब वह घर आया तो एक बड़े बिजनेसमैन बन कर आया था। साथ में ड्राइवर और कार से आया था। उसके मिलने के बाद उसके पिताजी को एहसास हुआ और उसने अपनी गलती की माफी मांगी।

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