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कन्या दान

Rukmini 07 Apr 2023 कहानियाँ धार्मिक कन्या दान 8302 0 Hindi :: हिंदी

कन्या दान,, 


मदन नाम का एक आदमी अपने परिवार के साथ अपने गाउँ मे रहता था मदन के परिवार मे उसकी माँ, पत्नी और  उसकी बेटी रहती थी क्योंकि मदन की बेटी उस घर की एकलौती संतान थी तो उसे सब बहुत प्यार करते थे l मदन पेशे से गाउँ का एक छोटा किसान  था, घर मे पैसों की समस्या होने के बाद भी मदन अपनी बेटी को सहर मे शिक्षा दे रहा था वो अपनी बेटी को बहुत ही नाजों से पाला था इसलिए उसका नाम लाडली रखा था ले एक दिन की बात है लाडली सहर से फोन कर अपने पिता से बोलती है की पिता जी मेरी पढाई पूरी हो गयी और मे आज घर आ रही हू ये बात मदन सुनते ही जोर जोर के थाहाकों के साथ हसने लगा और खुशी से उछलने लगा क्योंकि वो अपनी बेटी से पूरे चार साल बाद मिलने वाला था l  ये बात मदन अपने घर जाकर अपनी पत्नी और मां को बताया की लाडली बेटी कल आने वाली है ये बात सुनते ही घर के सारे लोग खुशी से उछलने  लगे  और सब मिलके उसके आने का इंतजार करने लगे, 
सुबह होते ही मदन अपनी बेटी को फोन किया और पूछा की बेटा आप कितने समय तक गाउँ पहुँच जाओगी तो उसके अनुसार मे आपको लेने बाजार आ जाऊंगा 
बेटी ने अपने पिता को सब बता दिया की वो कितने बजे आ रही है समय के अनुसार  मदन लाडली को लेने पहुँच गया, गारी को देखते मदन एक दम सहम सा गया...... 
लाडली बस से  उतरते ही  दबे पाऊं अपने पिता के पास गयी और जोर से अपने पिता के गले लग गयी मदन अपनी बिटिया को देख अपने आप को रोक नही पाया और गले लगा रोने लगा l
वो वक्त सच मे ही बहुत ही  भावुक था l मदन फिर अपनी बेटी को देखता है और बोलता है तू कितनी बड़ी हो गयी मेरी बच्ची 
और सच मे लाडली बहुत सुंदर थी उसकी बड़ी बड़ी आँखे गोरा रंग घने बाल जैसे लग रही थी की वो कोई स्वर्ग से आई परी है, मदन को उस उसकी बेटी की चिंता सताने लगी तभी मदन बोल देता है की लाडली अब तो तुम्हारे लिए भी योग्य बर ढूँढना पड़ेगा इस पे लाडली बोल परती की क्या पिता जी आप भी अभी घर तो पहुँचने दो मा से बडी माँ से सब से मिलना है ढेर सारी बाते करनी है तो मदन बोलता है  हा भाई चलो तुम सब से खुब बात करना l
बाते होते होते ही सब घर भी पहुँच गए... घर पहुँचते ही मदन अपनी मा को बीमार देखता है हालत इतनी खराब रहती है की गाउँ के लोग भी सब वहाँ एक्ट्ठा रहते है मदन घबरा जाता है और अपनी मा को अस्पताल ले जाता है वहाँ जाने के बाद पता चलता है की अब उसकी मा के पास ज्यादा समय नही  है घर पहुँच कर सब एकदम उदास हो बैठ गए तभी अम्मा (मदन की माँ) मदन को बुलाती है और बोलती है बेटा मेरी एक अंतिम इच्छा है क्या तुम पुरा कर दोगे l मदन बोलता है क्या माँ आप भी आप बोलो तो सही , अम्मा बोलती है  बेटा हमारी कोई बेटी नही थी और नही कोई दूसरी पोती बेटा मेने ऐसा सुना है की हमारे हिंदू धर्म मे कन्या दान सबसे बार पुण्य का काम है बेटा अब मेरे  पास ज्यादा समय नही है मुझे से ये दान करवा दो l
मदन थोड़ी देर तक तो सहमा और बोलो इतनी सी बात माँ कल ही श्यामलाल अपने लड़का का रिश्ता अपनी लाडली के लिए बोल रहे थे अगर   आपकी ऐसी ही इच्छा है तो हम कल ही जाके बात करते है ऐसा बोलके मदन घर से बाहर निकल रोने लगा l
उधर लाडली सब सुन ली थी उसे भी अपनी बड़ी माँ की इछाए सरआँखों पे थे लेकिन अपनों को छोड़ने  का डर  , फिर भी वो हिम्मत करके अपने पिता से बात करने गयी लाडली की बात सुन मदन और भावुक हो गया   और  बाप बेटी दोनों एक दूसरे को समझते और समझाते हुए अम्मा की इच्छा के लिए राजी हो गए 
कुछ दिन बीते  शादी की बात पक्की हो गयी और समय बितते शादी की दिन भी आ गयी इस बीच अम्मा की हालत और बिगर गयी थी सब लोग एक दम जल्दबाज़ी मे सब कुछ कर रहे थे की कैसे भी करके अम्मा कन्या दान कर दे ऐसा ही हुआ अम्मा अपनी लाडली का कन्या दान करके ही अपनी अंतिम सांस ली शायद इसलिए कहते है की कभी कभी वो कर्म करो जो दूसरे को सुख और सुकून दे सके..... 😊निकाल वो जिगर दान देता है, 
बड़े भाग्य वाले होते है वो घर जो कन्या दान करता है l

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