DINESH KUMAR KEER 06 Jan 2024 कहानियाँ बाल-साहित्य 5353 0 Hindi :: हिंदी
लोमड़ी और कौवा एक समय एक लड़का पनीर खा रहा था, कि एक कौवा उड़कर कहीं से आया और लड़के के हाथ से पनीर का टुकड़ा झपट कर तेजी से एक वृक्ष के ऊपर जा बैठा, और मजे से पनीर खाने लगा। तभी एक लोमड़ी उधर से गुजरी उसने कौवे की चोंच में पनीर के टुकड़े को देखा और लालच से अपने होठों पर जीभ को फेरा। लोमड़ी ने कौवे से कहा - "कौवे भाई तुम कितने प्यारे दिखते हो, तुम्हारे चमकीले पंख और नुकीली चोंच जब इतनी सुन्दर है, तो तुम्हारी आवाज कितनी मधुर होगी ?" कौआ अपनी झूठी प्रशंसा सुन कर खुश हो गया, और जोर - जोर से काँव - काँव करने लगा। ऐसा करते ही उसकी चोंच में दबा हुआ पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया, जिसे लोमड़ी उठा कर भाग गई। चालाक लोमड़ी ने जाते - जाते कहा - "प्यारे कौवे तुम्हारी आवाज तो बहुत अच्छी है पर बुद्धी नहीं है।" सीख :- झूठी प्रशंसा करने वालों से बचो। -दिनेश कुमार कीर