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नई सुबह जब जागो तभी सवेरा

Chanchal chauhan 02 Mar 2024 कहानियाँ धार्मिक विश्वास अच्छे पहलू अच्छे विषय की शुरुआत कभी भी की जा सकती है 13479 0 Hindi :: हिंदी

बच्चों आज मैं आपको एक ऐसे विषय के बारे में बताऊँगी जिसकी आज बेहद आवश्यकता है। यदि मैने इस विषय से आपको अवगत नहीं कराया तो भविष्य में आपका कोई दोष नहीं होगा ।मानसिक, व्यवहारिक, आचरणिक सुखद अनुभूति की ओर अविचल पहल । एक कदम । अगला जन्म ही क्यों ????

अभी इसी  वक्त ।यही से ।



वृंदावन जाते हुए यकायक कुछ शब्द मेरे कानों में झंकृत हो उठे । मधुर मधुर आवाज में मधुर संगीत के साथ वह शब्द मेरे हृदय को प्रफुल्लित कर गए। मैंने तुरंत गाड़ी रुकवाई और चल पड़ी उस दिशा में जहां से यह ध्वनि आ रही थी । वृंदावन में एक आश्रम में संत पुरुषों द्वारा सत्संग चल रहा था ।वहाँ बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे । सभी धर्मों के लोगो की सामूहिक चर्चा थी ।

 विषय था *क्यों आजकल हमारे बच्चे हमारी संस्कृति , हमारे धर्म ग्रन्थ व हमारी विरासत से विमुख होते जा रहे हैं ।*  मुझे यह विषय बड़ा प्रीतिकर लगा । मैं उन्हें वही खड़ी होकर अविरल सुन रही थी ।

सत्संग समाप्त हुआ । इस विषय पर जो चर्चा हुई वह मुझे बहुत प्रियकर लगी । रास्ते भर मैं इस विषय पर सोचती रही कि जो त्रुटियां हमसे हो चुकी हैं जीवन में उसे कैसे सुधारा जाए ???

वह चाहे समय की अल्पता से हो या कामकाज के अत्याधिक बोझ से या अन्य व्यक्तिगत समस्या से । मेरे मन में विचार आया क्यों न मैं नन्हे-मुन्ने बच्चों से इसकी शुरुआत करूं । बच्चों में संस्कार और उनके शुद्ध विचार के लिए जो इस पहल की प्रथम कड़ी है। छोटे बच्चे मुझे बेहद प्रिय भी हैं इसलिए मैंने सोचा कि मैं इन्हीं से शुरुआत करूं ।

मेरे इस शैक्षणिक अनुभव में मैंने पाया कि जो सच्चापन ,कोमल ह्रदय , मासूमीयत इन छोटे बच्चों में बाल अवस्था में होती है वह किसी और अवस्था में नहीं ।

 मैंने अपने आप निश्चय किया कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ रोज एक नई कहानी के रूप में मैं अपनी भारतीय संस्कृति व संस्कार व साथ साथ अच्छे खान पीन के व्यवहार से बच्चों को रूबरू कराऊँगी ।

इसी श्रंखला में मैंने अपनी सहेली से बात की और इस विषय से अवगत कराया । वह एजुकेशनल सॉफ्टवेयर बनाने में माहिर है उसने इस विषय को गंभीरता से लिया और कार्य आरंभ कर दिया ।  विषय गत सीरीज आरंभ कर दी जैसे कि कृष्ण , राम , अर्जुन, अभिमन्यु आदि के जीवन शैली व प्रेरक विषय से अवगत करना ।यह कार्य अपनी गति पर है और सभी का सहयोग मुझे प्राप्त हो रहा है ।

इस उद्देश्य के साथ मुझे सुखद अनुभूति हो रही है और साथ ही यह विश्वास और भी दृण हो रहा है कि अच्छे पहलू और अच्छे विषय की शुरुआत कभी भी की जा सकती है ।



मैंने तो निश्चय कर लिया क्या आप भी है मेरे साथ ???  तो देर किस बात की । अभी और इसी वक्त से नए सवेरे की शुरुआत ।जब जागो तभी सवेरा । अगला जन्म ही क्यों अभी यहीं से चलिए साथ साथ ।

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