Shaliesh bambhaniya 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Like share and give your suggestions 73340 0 Hindi :: हिंदी
राधिका: आचनक से आँखे खुलती है । सामने देखती है तो कोई अनजान इंसान सामने अपना पकड़ कर बैठा है, और बोलती है आप कौन ? सुमन: जी मेरा नाम सुमन है । राधिका: मे यहाँ कैसे ? सुमन : आपकी एक्टिवा का कार के साथ आक्सिडेंट हो गया था । और वो कार वाला भाग गया, फिर मे ने आपको हॉस्पिटल मे एडमिट किया । जी आपका नाम क्या है ? राधिका: जी मेरा नाम राधिका है । सुमन : ठीक है । अब तबयत कैसी है ? सब ठीक है ना ? राधिका: जी अब तो सब ठीक है, पर मुझे एक बात समज मे नहीं आइ ? सुमन : क्या ? कौन सी बात ? राधिका : आप अनजान हो मेरी ऐसे मेरी मदद क्यूँ करी ? सुमन : ए तो मे भी नहीं जनता, पर मुझे लगा कि किसी कि मेरी बजह से कोई इंसान कि जन बच जाई तो उसमें बुरा भी कुछ है क्या ? राधिका : नहीं जी । वैसे बुरा तो कुछ भी नहीं है पर आजके के समय मे ऐसे कौन अनजान कि मदद करता है ? सुमन : आपकी बात तो सही है, पर आजके समय मे भी अच्छे लोग इस दुनिया है । राधिका : सही बात कहीं अपने, ( एक प्यार भारी मुस्कुराहट के ) हा होते है अच्छे लोग भी इस दुनिया मे जैसे कि आप । सुमन: मैंने कोई उपकार नहीं किया आपके ऊपर ए तो मेरा फर्ज था । राधिका : ( देखती है सुमन कि और आभार वक्त करती है ) जी आपका शुक्रिया सुमन : अरे ! शुक्रिया वाली कोई बात नहीं है । आप बताओ आप बाइक लेकर कहा जा रहे थे ? राधिका: मे कॉलेज जा रही थी । सुमन : मतलब आप स्टूडेंट हो ? राधिका: हाजी मे स्टूडेंट हूँ, और मे BA फाइनल मे पढ़ रही हूँ ।आप क्या करते हो ? सुमन: मे जॉब करता हूँ। राधिका : जॉब मे क्या करते हो ? सुमन : जी एक पत्रकार है राधिका: अच्छी बात है । सुमन : धन्यवाद राधिका: वेल्कम , और बताओ सुमन: और कुछ नहीं अब मुझे लेट हो रहा है जॉब पर जाना है ? राधिका : ओह अच्छा ! आयी एम वेरी सॉरी मेरी बजह से आपको तफलिक् हुई । सुमन: अरे ! वैसी कोई बात नहीं है पर मेरा ऑफिस पास मे हि है मे आते समय आपको विजिट करके जाउंगा । राधिका : रुको एक मिनिट, मे मेरे भाई को कॉल करती हूँ वो आए उसके बाद आप चले जाना सुमन: ठीक है राधिका: ( अपने भाई को कोल करती है और उसका भाई आधे घंटे के बढ़ आने को बोलता है ) सुनो ? सुमन : जी बोलो, क्या बोला भाई ने ? राधिका : जी मेरा भाई आ रहा है, पर उसे आधा घंटा लगेगा, आप को अगर लेट हो रहा तो जाइए मे ठीक हूँ । सुमन: जी नहीं मे वेट कर लेता हूँ आपके भाई का । राधिका: ठीक है और बताओ ? मुझे यकीन नहीं हो रहा कि सच मे दुनिया मे ऐसे लोग होते है कि कोई अनजान और बिना मतलब कि इतनी मदद करता है भला ? सुमन: देखो राधिका ! दुनिया मे सब तरह के लोग होते,अच्छे बुरे तभी तो दुनिया चल रही है ना ? राधिका : हा वो तो है पर सच मे आप अच्छे हो अपने मेरी इतनी मदद कि ( स्माल के साथ ) दिल से आपका शुक्रिया सुमन । सुमन: ( सुमन देख रहा है राधिका बार बार तारीफ कर रही है ) वेलकम । और बताओ राधिका पढ़ाई कैसी चल रही है ? राधिका: (नाराजगी वक्त करते हुए) जी पढ़ाई बहुत बढ़िया चल रही है और आज मे लेट हो गई उसके कारण मज़े जल्दि थी कॉलेज पहुंचने कि और ए हो गया । सुमन: उसमें नाराज होनी कि क्या बात है ! टेन्शन ना लो थोड़े दिन मे सब ठीक हो जाएगा । राधिका: ( सुमन कि बातें अच्छी लगने लगी है ) सुनो सुमन सुमन: हा बोलो। राधिका: आप एक काम करो, मेरा नंबर लेके जाव और ऑफिस मे वापस निकलो तब मुझे कॉल करना अगर मे यहाँ हॉस्पिटल मे हूँ आपको मिल लुंगी। सुमन: ठीक है ( नंबर सेव करते हुए ) हा शायद शाम के पहले तो छुट्टी हो जाएगी है ना ? राधिका : हा हो सकता है आप जाईये भाई भी आही रहा होगा और आपको भी लेट होगा । सुमन : हा चलो ठीक है,बाई टेक केयर । राधिका : बाई टेक केयर । (राधिका का भाई आता है हॉस्पिटल से छुट्टी हो जाती,रात के 9 बजे है , राधिका सोच रहि है,सुमन हॉस्पिटल मे आया होगा। सुमन ने भी होस्पिल पर विजिट किया पर राधिका मिली नहीं अचानक से एक अनजान नंबर से राधिका के फोन मे एक मेसज आता है hii ) राधिका: hii आप कौन ? सुमन : जी मे सुमन । राधिका : ओह सॉरी मेरे पास नंबर नहीं था आपका, मे सोच हि रही थी कि आप शायद हॉस्पिटल पर गए होंगे है ना ? सुमन: जी अभी मे हॉस्पिटल गया था,आपको देखा नहीं तो घर जाकर फस्ट आपको हूँ मेसज किया ।। बताओ तबयत कैसी है, और खाना खाया ? राधिका : है ना तबयत तो ठीक है और खाना भी खा लिया। आप बताओ कैसे हो खाना खाया ? सुमन: हा खा लिया, तुम अपना ख्याल रखना और दवाई टाइम पर लेना ठीक है ? राधिका : जी आप भी अपना ख्याल रखना बाई टेक केयर , शुभ रात्रि सुमन :बाई टेक केयर शुभ रात्री डिअर । ( बात करने का नित्यकर्म हो गया रोज़ सुमन और राधिका का रिश्ता। प्यार मे बदल गया ) (इवनिंग के टाइम पर राधिका और सुमन एक रेस्टोरेंट मे बैठे बैठे चाय कि चुस्कियां के रहे है ) अचानक से एक कार आती है,कार वाले को देखकर ) राधिका : (कुर्सी पर से खड़ी होकर ) ओह भैया आप यहाँ ? भैया : जी मे यहाँ घर जा रहा था, तो चाय पीने आया हूँ,तुम यहाँ क्या कर रही हो ? राधिका : जी भैया मे अपने दोस्त के साथ चाय पीने आयी थी । भैया : ( थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए) हो गई तुम्हारी चाय, चल मे भी घर जा रहा हूँ बैठ गाड़ी मे ।( राधिका चुप छाप गाड़ी मे बैठ जाती है,सुमन सोच रहा है अब क्या होगा ? भाई भी सोच रहा है दोस्त तो है क्या बुरा है ऐसी सोच मे राधिका को प्रश्न नहीं हुए ) (सुमन और राधिका एक दूसरे को बेहद प्यार कर रहे है ऐसे हि रिलेशनशिप को 1 वर्ष बीत जाता है ) राधिका: गुड मॉर्निंग सुमन सुमन: वेरी गुड मॉर्निंग राधिका राधिका: ओय सुनो ना ! सुमन: जी बोल राधिका: मेरे भाई और पापा मेरी सगाई कि बात कर रहे थे तो मैंने सुना है कि लड़का बहुत बड़ी फेमिली से है और मेरे सगाई करने को सोच रहे है (नाराजगी वक़्त करते हुए बोली ) सुमन: हा अच्छी बात है आजकल पैसे वाला हि सबको पसंद है ना ? राधिका: अरे यार मैंने कुछ नहीं सोच अभी तक और मुझे तो तुमसे शादी करनी है मेने तो ओनली सुना है पापा बोल रहे थे, मे क्या करुँ कुछ समझ नहीं आ रहा । सुमन : तुम्हारे भाई से बात करें ? राधिका : नहीं यार भाई नहीं मानेगा (नाराजगी के साथ) सुमन: ठीक है मे कुछ करता हूँ राधिका: हम्म बाई ( काफी टाइम हो जाता है दोनों के अरमानो अधूरे रह जाते है और राधिका कि सगाई किसी और से हो जाती है,और राधिका लास्ट मेसज सुमन को करती है ) ऱाधिका : तुम मेरे प्यार कि अधूरी कहानी हो ।।।। 🙏