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"अद्भुत सावन"

बी.पी.शर्मा 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य सावन का गीत 77073 0 Hindi :: हिंदी

                         कविता
                   "अद्भुत सावन"
सावन मास बड़ा निराला।
हां पल पल में घटाएं छाती।।
          थे बिन पानी मुरझाए चेहरे।
          कब धरती भी अंगड़ाई भरती।।
उमड़ घुमड़ कर वर्षा आती।
धमाचौकड़ी खूब मचाती।।
          तन मन में हर्षाई खुशियां।
          जीवन का आलिंगन करती।।
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी।
फसलें भी पानी से नहाती।।
          नदियों को आंचल में लेकर।
          कल कल कर वो गीत सुनाती।।
शर्र शर्र हवाएं चलती।
कोयल भी मधुर राग सुनाती।।
         क्षण क्षण है उत्सव का मैला।
         कण-कण में अपनापन भरती।।
जय भोले के नारे लगते।
हर हर शंकर दुनिया गाती।।
         स्वरस स्वप्न शंभू की माया।
         मृदुलता जीवन रस भरती।।
अद्भुत है सावन का सपना।
अब उमंगे मन करवट लेती।।
         धरती ने ओढ़ी हरियाली चादर।
         बद्री अमृत रस की धारा बहती।।
                                  रचनाकर
                                 बद्री प्रसाद शर्मा
                                 राजस्थान(बीकानेर)

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