akhilesh Shrivastava 16 May 2023 कविताएँ दुःखद मां एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में सहेजना बहुत ही मुश्किल है 7392 0 Hindi :: हिंदी
*कहां खो गई प्यारी मां* कहां खो गई प्यारी मां नज़र नहीं क्यों आती मां छवि आंखों में है तेरी मां क्यो?नहीं दिख पाती मां।। सुबह हो गई उठ जा बेटा कहकर नहीं उठाती मां फिर गिलास में दूध लेकर मुझको नहीं पिलाती मां।। कहां खो गई प्यारी मां........ बचपन में गलती करने पर मुझको डांट लगाती थी मां गलती करने पर अब मुझको क्यूं नहीं डांट लगाती मां।। कहां खो गई प्यारी मां......... जब भी मैं भूखा होता हूं तेरी याद सताती है मां एक निवाला मुझे खिलाने क्यों?नहीं आ जाती मां। कहां खो गई प्यारी मां......... बेचैनी में जब रातों में मुझे नींद नहीं आती है इस बेटे को लोरी सुनाने तू क्यों नहीं आ जाती मां कहां खो गई प्यारी मां........ परेशानी में जब होता हूं समझ नहीं कुछ आता मां मुझे प्यार से समझाने को क्यूं ? नहीं आ पाती मां कहां खो गई प्यारी मां....... बिना तुम्हारे त्यौहारों पर रौनक नहीं आ पाती मां त्यौहारों की खुशी बढ़ाने तू क्यूं नहीं आ जाती मां कहां खो गई प्यारी मां...... ममता और प्यार की बगिया मां मुरझाईं रहती है ममता की इस फुलवारी में फूल खिलाने आ जा मां कहां खो गई प्यारी मां...... अब तेरे आंचल की छांव मुझे नहीं मिल पाती है नैनों में बसी तेरी मूरत नज़र नहीं क्यूं आती मां ।। कहां खो गई प्यारी मां नज़र नहीं क्यूं आती मां....... रचयिता ---अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...