Anshika Agrawal 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम देशभक्ति कविता , भारत पर कविता , वीरों पर कविता, हिंदी कविता ,वतन पर कविता , patriotic poems, poem , kavita, भारतीय कविता 29790 0 Hindi :: हिंदी
खेला कल जिस माटी पर लहू से अपने उसे रोशन करने आया है। आंखो का बन मोती चमकने आया है। 'शूरवीर' है! वीरों के भांति आया है। वतन पर मर-मिटने का रुतबा साथ लाया है। कर खुद को कुर्बा भारत मां तेरे लाल होने का फर्ज़ निभाकर आया है। देशभक्ति की बन अनोखी लहर छाया है। कल था लिपटा तेरे आंचल में लिपटकर आज तिरंगे में तेरे गोद में सोने आया है।।