Santosh kumar koli ' अकेला' 27 Dec 2023 कविताएँ समाजिक तेवर 10370 0 Hindi :: हिंदी
किसी का काम से, किसी का नाम से। किसी का याम से, किसी का दाम से। किसी के हाथ फेरने से, बदलता कलेवर। ज़ेवर से बदलते तेवर। किसी का आलंबन से, किसी का जोबन से। किसी का तन से, किसी का मन से। भालू, बंदर, नचाता कलंदर। ज़ेवर से बदलते तेवर। दूसरे के बल से, बुद्धि खल से। परायी नकल से, हवाई महल से। शेर की खाल, पहनता खर। ज़ेवर से बदलते तेवर। ज़ेवर से बदलते तेवर।