जब मैं छोटा था, मेरे पांव कितने मासूम थे, पर मैं चलना सीखता था, कभी गिरता था कभी संभलता था, और जब थक जाता था, तब मां के आंचल में, छिप जाता था, read more >>
यह घटना लगभग 30 वर्ष पहले की है, मेरी दादी मां सुनाया करती थी _ बिहार के पंचानवे नदियों में से, एक नदी सकरी भी है, जिन की महिमा यह है कि_ गर्म read more >>
हमारे समाज में आए दिन नई नई घटनाएं देखने को मिल रही है गलती किसी की हो पर सजा एक नारी को मिलती है चाहे वह ससुराल हो या मायका हो या समाज हो read more >>
जब मैं छोटा था तब मेरी मां, मुझे नींद नहीं आती, तब मुझे यह लोरी, गाकर सुनाती थी_ चंदा मामा दूर के
पूरी पकावे भीड़ के. अपने खाए थाली में,
मु read more >>