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संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

@ sandeep-kumar-singh
, Bihar

I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me.

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जब से मैंने तुझको जाना है। दिल तुझको अपना माना है। आँखों में जो न समाये - प्यार का तूँ अनमोल खजाना है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुम read more >>
#विधा:-दोहा छंद #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" चित्रकूट के राम हैं,अद्‌भुत तुलसी दास। संतों का रक्षा किये,और जगाये आस ।। चित्रकूट के read more >>
तेरी ख़ुशी मेरी ख़ुशी, तेरा गम मेरा गम, मेरे साथी मेरे हमदम मेरे साथी हमदम। मैं तेरी गलियों का दीवाना हूँ , तूँ एक नगीना है। read more >>
#विधा:- मुक्तक छंद #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" माया जोड़ी रात दिन,लिया बहुत ही दर्द। सबल किया परिवार को,बना रहा दृढ़ मर्द। हँसकर आगे को read more >>
#विधा:_मुक्तक छंद #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" जलता दीपक आस का,हृदय चाहता खास। लब से निकले प्रेम ही,मिटे सभी की प्यास। सफल भव्य किरदार स read more >>

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