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(काहानी हागू चंद)

Mohammed fejaan 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक गूगल 10893 0 Hindi :: हिंदी

(काहानी हागू चंद) दिनाकरन - 20-11-2022

एक दिन हागू चंद अपनी सुसराल में गया था। ओर वह जब अपनी सुसराल में पहुँचा तो जब खाना खाने लगा तो उसको सबसे छोटी साली अपने जिजा जी की साथ मस्ती

करने भूत सवार हुआ उसने सोचा की क्यो न

 जिजा जी के खाने मे जमालगोटा

 मिला दिया यह सोच कर कि जब

जिजा जी जब बार-बार टोईलसे में लेटरींग करने जाएगै

 तो कितना मजा आएगा और हागू

चंद कि सबसे छोटी साली ने समझा भी

दिया था। जिजा जी काम खाना खाना

कहीं आप बार-बार लेटरींग में न

भागें फिर आप मुझे कहें कि साली साईबा

आप ने तो नहीं जमालगोटा मेरे खाने में मिला दिया और बस जब हागू चंद ने खाना खालीया और जैसे ही दवाई का आसर सुरु होगया तो फिर जीजा जी टोईलऐ भागे और फिर व समझ गया कि साली साईबा ठीक कह रही थी मे ही मुर्ख था। और लालची था। मे मजे- मजे में खाने लगा था। फिर हागू चंद ने थान लीय था। अब चाहए जो भी इतनी प्यार से कुछ भी देगा खाने -पीने की चीज़ देगा तो नहीं खाऊंग-और ना ही पीयू, गा और हगू चंद की सबसे छोटी साली और उसकी सुसराल वालों ने उसका नाम हागू चंद रखदिया था?,, 
मोहम्मद फैजान सिद्धि की पिता रईस अहमद सिंहिकी हरियाणा पानीपत गाँव नूखौला फूटा रोई ईन्द्रा बिहार कॉलोनी वार्ड नं0 2

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