में पतझड का मौसम हू तुम बारिश बन बरस जाओ
मे लिखता रहू उम्र भर , तुम कविता बन उभर आओ
भले रुठे हो शब्द मेरे, तुम यु दिल की बात समझ जाओ
मेरी ज read more >>
भूल कर हम जिनके पास आने लगे।
वो हमसे और भी दूर जाने लगे।
पास आने वाले दूर जाने वाले....
हमने समझा था जिनको,
दिल-ए-शाहदी ।
दिल मेरा तोड़ के read more >>