Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

@ sandeep-kumar-singh
, Bihar

I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me.

  • Followers:
    17
  • Following:
    151
  • Total Articles:
    1380
Share on:

My Articles

(दोहा छंद) जरा जरा सी बात पर, हो जाता है खार। संयम वाणी पर रखें, फिर होता है प्यार।। जरा जरा सी बात पर, कर लें हम सब ध्यान। दे सकते हैं सीख read more >>
(शायरी) (आज फिर दिल पर किसी ने दस्तक दी है, मेरे ज़हन ने फिर न सुनने की हिदायत दी है।) आज मेरे वर्षों से उदास पड़ा दिल ने खुशियां दी है, और read more >>
(गज़ल) लोग घर के बहुत निराले हैं। सोच में ही जनाब उलझे हैं। रात जमते कहां हमारे हैं, चाहतें अब जवां मचले हैं। काश वे मित बने सदा दिल से read more >>
(दोहा छंद) अब शायद लगता नहीं, सुधरेंगें हालात। रोग नासूर बन गया, मुश्किल में है रात।। अब शायद लगता नहीं, फिर होगी वह बात। बीता हुआ दिवस read more >>
(शायरी) पग_पग पर इम्तिहान की लौ से गुजरना है, फिर भी मुस्कुराते हुए सबसे रूबरू हो रहा हूं। एतिबार कर के भी छलने वाले मिल जाते हैं, तब से read more >>
(शेर) पग_पग पर इम्तिहान की लौ से गुजरना है, फिर भी मुस्कुराते हुए सबसे रूबरू हो रहा हूं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्त read more >>

My Videos

Join Us: